tag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post1608143417856621490..comments2024-01-03T11:43:51.116+05:30Comments on संजय व्यास: लिस्टsanjay vyashttp://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-26251281425728039632010-09-03T22:44:05.984+05:302010-09-03T22:44:05.984+05:30कुछ एक ही ऐसे लेखक है ब्लॉग में जिनकी ओब्ज़रवेशन...कुछ एक ही ऐसे लेखक है ब्लॉग में जिनकी ओब्ज़रवेशन पे हैरान होती हूँ. कैसे के दृश्य आँखों के आगे घूम जाते है..रेगिस्तान और पानी का पुराना रिश्ता चिड़िया के बिम्ब से उभर आता है..ज़िन्दगी की रफ़्तार और कामों की लिस्ट इस कादर बढ़ चुकी है के यादें अक्सर हमें झंझोड़ के जगाती है..डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-53736011294052999992010-09-03T22:44:05.144+05:302010-09-03T22:44:05.144+05:30This comment has been removed by the author.डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-59928849968611777722010-08-29T12:57:07.678+05:302010-08-29T12:57:07.678+05:30कथ्य में कुछ अनावश्यक हो..तो प्रवाह टूट जाता है..ऐ...कथ्य में कुछ अनावश्यक हो..तो प्रवाह टूट जाता है..ऐसा आपके साथ कत्तई नहीं है....आपकी इस ’लिस्ट’ में भी नहीं...रही बात देर-आयद की.. मुझे लगता है...आप अनियमित होते हुए भी नियमित तो हैं...! फिर मिलेंगे...संजय जी...शुभकामनाएं.राजेश चड्ढ़ाhttps://www.blogger.com/profile/13615403040017262901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-52380732169628986502010-08-24T14:29:28.112+05:302010-08-24T14:29:28.112+05:30very well said ... its really disappointing to see...very well said ... its really disappointing to see the behavorial mutation belting around us ... until and unless need strkes a hard blow on us ... we hide behind so called daily rountine that some times everything seems so hazy and distant... very well written ... you write and evoke a sense .. but when the sense will evoke us .. god knows..A techiehttp://www.techblueprints.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-36326643609572717182010-08-14T20:24:53.282+05:302010-08-14T20:24:53.282+05:30nicenicePawan Kumar Sharmahttps://www.blogger.com/profile/04738864595169202679noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-19331741167577962352010-08-11T05:41:16.249+05:302010-08-11T05:41:16.249+05:30बहुत ही शानदार पोस्ट है आपकी ..दिमाग की कई बत्तिया...बहुत ही शानदार पोस्ट है आपकी ..दिमाग की कई बत्तियां जल गई. टू डू की लिस्ट याद आ गई..Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-43934126257502254512010-08-06T17:34:21.568+05:302010-08-06T17:34:21.568+05:30चित्र की तारीफ़ मैं भी कर दूँ.. बड़े दिनों बाद आपको...चित्र की तारीफ़ मैं भी कर दूँ.. बड़े दिनों बाद आपको देखकर ख़ुशी हुई.. फिर आपके पशोपेश से खुद को जोड़कर देखा तो पाया कि ऐसे कितनी ही लिस्ट्स हर शाम के ख़तम होने तक हो ही जाती है.. और शायद ऐसी ही कुछ लिस्टों में जोधपुर आने की तारीख कितनी ही बार बदल दी गयी.. पटरियों के पास कुत्तो का भौंकना जेनेटिक और रेगिस्तानी हैलुसिनेशन... वाह!!! ये होती है धार लेखन की...<br />दो तीन बार और पढूंगा अभी इसे...कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-85276720124159172912010-08-01T11:56:23.067+05:302010-08-01T11:56:23.067+05:30इतनी देर से आने की शिकायत करनी थी..मगर पोस्ट के जा...इतनी देर से आने की शिकायत करनी थी..मगर पोस्ट के जादू ने दिमाग की सारी सलवटें समेट दीं..आपकी सूक्ष्म पर्यवेक्षण शक्ति रोजमर्रा की चीजों से उन डिटेल्स को निकाल लाती है..जिनके अस्तित्व का वैभव हमारे जैसी सामान्य आँखें पकड़ नही पाती...पढ़ कर लगता है कि हमारे आस-पास कितना कुछ ऐसा बिखरा रहता है..जीवन को उसके विगत, बड़े या टूटे संदर्भों से जोड़ता हुआ..चिड़िया अतीत की बिसरी स्मृतियों की प्रतीक लगती है..जिन्हे अचानक सुबह की कोई आवाज नींद से जगा देती है..वहीं मोबाइल अनागत क्षणो की प्रतीक्षा का एक बहाना भर बन जाता है..सच मे इतनी समृद्धिशाली लिस्ट का हर दिन नया होना जीवन के गति और अप्रत्याशा का परिमाण ही है..<br />थोड़ा जल्दी-जल्दी आया कीजिये..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-87663964778569763152010-08-01T04:49:40.669+05:302010-08-01T04:49:40.669+05:30आप भी उसी पेशोपेश में रहे जिसमें हम रहे.. :-)
&qu...आप भी उसी पेशोपेश में रहे जिसमें हम रहे.. :-)<br /><br />"आँधियों की स्मृतियाँ हैं.कितनी अब तक आयीं और गई,सबसे तेज कौनसी थी कुछ याद नहीं..." <br />और दादी की स्म्रति सावन भादों जैसी... तर कर जाती है मरुस्थल में भी... परदेस में भी...neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-11160802763874418162010-07-31T23:33:54.787+05:302010-07-31T23:33:54.787+05:30हमने तो मोबाइल को मिनी सहायक बना रखा है।हमने तो मोबाइल को मिनी सहायक बना रखा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-8303799764486289952010-07-31T22:18:50.848+05:302010-07-31T22:18:50.848+05:30chidiya,dosti,badhayee....duniya ki sabse nayab li...chidiya,dosti,badhayee....duniya ki sabse nayab list hai aapki.<br />maine bhi ek list banayee hai man hi man ki kal in doston se to baat karna hi hai.varshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-71634933568424447472010-07-31T20:35:29.667+05:302010-07-31T20:35:29.667+05:30बहुत दिनों बाद ...बहुत अच्छा लगा पढ़ के...बहुत दिनों बाद ...बहुत अच्छा लगा पढ़ के...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-40334342612646500472010-07-31T19:38:56.361+05:302010-07-31T19:38:56.361+05:30बहुत दिन बाद...
वैसे टू डू मोबाईल में ही बना लें...बहुत दिन बाद...<br /><br /><br />वैसे टू डू मोबाईल में ही बना लें..<br /><br />बेहतरीन लेखन!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-86857571759291730702010-07-31T16:24:39.452+05:302010-07-31T16:24:39.452+05:30मुझे लगा किशोरजी ही बैटिंग कर रहे हैं और आप सिर्फ ...मुझे लगा किशोरजी ही बैटिंग कर रहे हैं और आप सिर्फ नॉन स्ट्रीकर एंड पर खड़े होकर उनका साथ दे रहे हैं, अब लगा एक शानदार शोट आपने भी मार दिया.<br /><br />बहुत दिनों बाद कुछ लिखा है हुज़ूर, मज़ा आ गया, जैसा में हमेशा कहता हूँ, आपका ओबज़र्वाशन कमाल का है, इसका उदहारण इस पोस्ट में रेल वाली बात ही ले लीजिए, और डॉ अनुराग ने बाकी सब कह ही दिया है.<br /><br />सरकार इतने लंबे गेप अच्छे नहीं. लिखते रहा कीजिये, आपके लिए शायद यह टू डू लिस्ट में नहीं होना चहिये.<br /><br />रिगार्ड्स,<br />मनोज खत्रीManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-2317788512578123272010-07-31T16:00:28.565+05:302010-07-31T16:00:28.565+05:30मोबाईल बिल्कुल नहीं भूलते.. सही हे..
वैसे बहुत सा...मोबाईल बिल्कुल नहीं भूलते.. सही हे..<br /><br />वैसे बहुत सारे काम बहुत जरुरी है.. नहीं होते कल करेंगे....रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-30303295302151989072010-07-31T14:58:00.604+05:302010-07-31T14:58:00.604+05:30यूँ कि बड़ा वक़्त लिया आपने इस बार आने में ....यूँ कि बड़ा वक़्त लिया आपने इस बार आने में ....अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-411102093987001082010-07-31T13:57:19.578+05:302010-07-31T13:57:19.578+05:30बहुत बढ़िया
ताजगी है, जो रोजमर्रा के जीवन की बेड़िय...बहुत बढ़िया<br />ताजगी है, जो रोजमर्रा के जीवन की बेड़ियों में छूटते जा रहे कुछ को अनावृत करती है.<br />बाकी डॉ. अनुराग की ही भांति मुझे ऐसी कई पंक्तियाँ अपील कर रही है. भाषा अधिक प्रभावित करती है तो लगता है कि कथ्य भी कहाँ कम है.<br />बधाई इस शिकायत के साथ की आमद में बहुत देर लगाते हो दोस्त.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-5755212315299998822010-07-31T13:29:23.976+05:302010-07-31T13:29:23.976+05:30अरसे बाद आमद भली लगी ....
चित्र तो कमाल का है ही.....अरसे बाद आमद भली लगी ....<br />चित्र तो कमाल का है ही.....कुछ ओब्ज़र वेशन भी काबिले तारीफ़ है ......मसलन .....<br /><br />जिसकी द्रुत लय में अपने रुदन की विलंबित से बेमेल संगति बिठाते........<br />मसलन......<br />प्रतिक्रिया में उपजा विलाप ‘जिनेटिक’ है...<br />मसलन......<br />उगाही काम अब काफी प्रोफेशनल हो गया है.<br /><br />ओर उधारी .?गरीबी भी तो कभी जेनेटिक मिलती है ....जिसका डी एन ए आसानी से बदलने को तैयार नहीं होता .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-8185691585535757172010-07-31T13:28:21.604+05:302010-07-31T13:28:21.604+05:30मोबाईल बिल्कुल नहीं भूलते.. सही हे..
वैसे बहुत सा...मोबाईल बिल्कुल नहीं भूलते.. सही हे..<br /><br />वैसे बहुत सारे काम बहुत जरुरी है.. नहीं होते कल करेंगे....रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-54990518250269606532010-07-31T13:25:50.244+05:302010-07-31T13:25:50.244+05:30मोबाईल बिल्कुल नहीं भूलते.. सही हे..
वैसे बहुत सा...मोबाईल बिल्कुल नहीं भूलते.. सही हे..<br /><br />वैसे बहुत सारे काम बहुत जरुरी है.. नहीं होते कल करेंगे....रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-2879184228421406042010-07-31T13:15:44.151+05:302010-07-31T13:15:44.151+05:30कितना सारा होम वर्क है !!!कितना सारा होम वर्क है !!!सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.com