tag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post9156506427868489891..comments2024-01-03T11:43:51.116+05:30Comments on संजय व्यास: मायालोक और यथार्थ के बीच किसी भूगोल परsanjay vyashttp://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-83669128225897957862022-11-03T02:33:42.876+05:302022-11-03T02:33:42.876+05:30Thaanks for the postThaanks for the postHandyman Medfordhttps://www.handyman-repair.com/us/home-repairs-oregon/handyman-medford.shtmlnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-34361422864497287942010-07-10T17:10:01.551+05:302010-07-10T17:10:01.551+05:30could not digest the incident of the chaiwala. des...could not digest the incident of the chaiwala. destiny left you and your friend safe. <br /><br />Do write more about Jaisalmer.<br /><br />regards,<br />Manoj KhatriManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-86386931352009948992009-01-31T19:41:00.000+05:302009-01-31T19:41:00.000+05:30भई वाह.. संजय जी, अचछा लगा आपके ब्लाग पर आकर... अच...भई वाह.. संजय जी, अचछा लगा आपके ब्लाग पर आकर... अच्छा संस्मरण.. एकदम कथात्मक..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-91733728098090728222009-01-29T08:26:00.000+05:302009-01-29T08:26:00.000+05:30आपने तो जैसलमेर जाने की जिज्ञाषा जगा दी, बहुत सालो...आपने तो जैसलमेर जाने की जिज्ञाषा जगा दी, बहुत सालों पहले जैसलमेर एक शादी में गए था लेकिन शाम के पहुच कर रात को ही वापस आ गए इसलिए किला और हवेलियाँ के सिर्फ़ बाहर से ही दर्शन कर पाए थे ! और हाँ शादी के खाने में बना अनार का रायता और चने की सब्जी अभी तक याद है वो स्वाद कभी दुबारा आज तक नही मिला !Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-47250815667751054732009-01-28T22:06:00.000+05:302009-01-28T22:06:00.000+05:30बहुत शुक्रिया आप सबका.जैसलमेर के किले की ऊंचाई ने ...बहुत शुक्रिया आप सबका.<BR/>जैसलमेर के किले की ऊंचाई ने चिंतन को उड़ान भरने का मौका कई बार दिया था.कुछ वैसा ही मौका यहाँ भी मिला,किले को,जैसलमेर को याद करते हुए.इस उड़ान को हौसला आपसे मिलता रहे,इसी उम्मीद में प्रयास आगे भी जारी रहेंगे.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-45295207769921559762009-01-26T12:46:00.000+05:302009-01-26T12:46:00.000+05:30बहुत समय पहले जैसलमेर ब्राण्ड सिगरेट के विज्ञापन म...बहुत समय पहले जैसलमेर ब्राण्ड सिगरेट के विज्ञापन में किले का फोटो देखा करता था, तब से जैसलमेर का तिलस्म मन में है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-47317111312494464902009-01-25T14:24:00.000+05:302009-01-25T14:24:00.000+05:30संजय जी आज इत्मीनान से पढ़ा। यांत्रिक समय का स्वप्...संजय जी आज इत्मीनान से पढ़ा। यांत्रिक समय का स्वप्न ..., प्रेम का पंछी..., किले में फंसा समय जैसे अच्छे उपमान दिए। मूमल-महेन्द्रा की प्रेम कथा ने मुझ जैसे रसिक को कितना प्रसन्न किया कह नही सकता। आपकी भाषा सुगम और रोचक तो सदैव होती है इस बार एक मुस्कराहट भी झांकती दिखाई दी मुझे। अंत में इस वैश्विक धरोहर के लिए सुंदर सा कहा "मैंने वहाँ से सर ऊंचा कर किले की ऊंचाई मापने की कोशिश की। और फ़िर सर नीचा कर लिया।" बहुत बहुत सुंदर।।के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-75785900220135222062009-01-24T23:11:00.000+05:302009-01-24T23:11:00.000+05:30सोनार किले के मोहपाश से खींचे देसी और विदेशी चले आ...सोनार किले के मोहपाश से खींचे देसी और विदेशी चले आते है, आपने इस धरोहर से अपनी आत्मीयता का रिश्ता बखूबी बयाँ किया है, मैं इस पोस्ट को फ़िर से पढ़ना चाहूँगा अभी ऑफिस से लौटा हूँ आपकी प्रविष्ठी देखते ही त्वरित पढा और ऐसे ही टिप्पणी भी कर रहा हूँ, डॉ भाटी जी को आपने सुन्दरता से उधृत किया है। वैसे पहली नज़र में प्यार तो हो ही गया है आपकी पोस्ट से।के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9022177286561386168.post-31715204251701222012009-01-24T20:27:00.000+05:302009-01-24T20:27:00.000+05:30अच्छा रहा आपका यादों के किस्से सुनाना.अच्छा रहा आपका यादों के किस्से सुनाना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com