
कानों में फुसफुसा कर उसने जो कहा था वो आई डू या कबूल है जैसी अर्थ चेतना वाला नहीं था. सिर्फ प्रेम-प्रस्ताव का प्राप्ति-स्वीकार था. एक सन्देश के सही जगह पहुँचने की सूचना. कोई वादा नहीं कि इस पर आगे विचार होगा या नहीं. पर फिर भी वो इतने में ही खुश था.बेहद खुश. उसने पूछा नहीं था कि मेरा प्रस्ताव मिला या नहीं. इसलिए यूँ इस तरह सिर्फ ये मानना भी कि तुमने मुझे कुछ कहा है कुछ अतिरिक्त सूक्ष्म को ध्वनित करता था. किसी स्वीकारोक्ति से पहले कुछ संचित होता सा. छूटने से पहले दबी हुई स्प्रिंग का भराव. और यूँ कान में धीरे से कहना शब्दों के साथ अपनी सांस का एक अंश रखने के लिए तो नहीं था? सुरक्षित. बीच की दुनिया के फासले को कम करते हुए.
पहले पहल उसने भेजा था 'प्रेम'. नाउम्मीदी नहीं थी इसमें. पर किसी फौरी अंजाम की आस भी नहीं. एक सुदूर भविष्य के लिए छोड़ा गया सन्देश था जैसे. किसी ने कभी रेडियो संकेत भेजा हो प्रकाश वर्षों के फासले पर. किसी परा-सभ्यता के लिए. और वहां से जवाब आया हो हाँ मिला तुम्हारा सन्देश. प्राप्ति की इस सूचना में निहित ही था कि सम्बन्ध में प्राक-मित्रता तो है ही.मित्रता की ज़मीन जिसे कह सकते हैं.
लौटते समय वो खुद को इतना मालामाल महसूस कर रहा था कि उसने भिखारी को पांच का सिक्का उपहार में दिया. इतना हल्का कि एक कटी हुई पतंग को लूटने के लिए कई छतें लांघता रहा.इतना हरा कि एक सहोदर की तरह पेड़ से लिपट गया.और इतना संतुष्ट कि ढाबे के बाहर पड़ी खाट पर सीधे लेट कर अखबार पढने लगा.
बरसों से जम कर ठस हो चुके अवसाद में जैसे ऊष्मा की नोक सी लगी थी.उसके मस्तिष्क में प्रेम एक प्रक्रिया की तरह शुरू हो गया था.न जाने कितने रसायनों ने भीतर अपना प्रवाह तेज़ कर दिया होगा.अंदर से उसे 'intoxicated ' रखा जा रहा हो जैसे.
पता नहीं ये क्या था,प्रेम की संभाव्यता से ही वो भीतर ही भीतर बदलने लग गया.कोई उसे अपने ढंग से अनुकूलित करने लगा. आने वाले की किसी पूर्व सूचना के रहते हम भी घर में बहुत कुछ बदलने लगते हैं. उसे भी बदलाव से गुज़ारा जा रहा था. उसे खुद अपना यूँ बदलना अच्छा लग रहा था. ये सब रिफ्लेक्सेज़ की अधीन हो रहा था. उसके नियंत्रण से बाहर. हमारे आदिम पूर्वजों को भी ऐसी ही किन्ही स्थितियों से गुजरना पड़ा होगा.उनके मनोभावों और इच्छाओं के छोड़े गए संकेत यहाँ मार्गदर्शन कर रहे थे.
( इससे आगे ये अब मुझे कहीं बढ़ता दिखाई नहीं देता,इसे यहीं समाप्त कर रहा हूँ. जो बन पड़ा है आप से साझा कर रहा हूँ.)
( photo courtesy- Mitch2742 )